सुनो जानां ज़रा सा तुम, अभी जो मुस्कुरा दोगी, मिरी जो स्याह शब है वो, सहर बस हो ही जायेगी। बस ज़रा सा मुस्कुरा दो ना। इकराश़ **एक शेर नज़र कर रहा हूँ किसी ख़ास के लिए। *सह्र - सुबह *शब - रात