आपने कभी बदलते मौसम को देखा है , पल भर में हवाएँ अपना रुख मोड़ लेते हैं । हमने तो बदलते रिश्तों को देखा है , पल भर में अपने अपनो से ही मुह मोड़ लेते हैं । हमने उन रिश्तों के बदलते मायनों को देखा है , पल भर में अपनी ही कही बातों से पलट जाते हैं । आपने कभी गिरगिट को रंग बदलते देखा है , चंद पल में ही ये बाहरी दुनिया में मिल जाता है। हमने तो अपनो के ही बदलते वादों को देखा है, पल भर में ही ,हमसे किया वादा किसी और से करते देखा है। भीड़ में भी खुद को अकेला पाया है हमने । समझ नही आता हम ही बात करना भूल गए या हमें ही भुला दिया है सबने। Kya hamse hi koi galti hui hai ya ham hi bure hai #Answer_me......