सुनो ऐ नौजवानों! तुम में है, हौसला कौन पैदा करता, गाली देने का रश्म-रिवाज है, कौन बनाता। थोड़ी देर में सारे रिश्ते क्यों भूल जाते हो, मां किसी की भी हो, वो बस माँ होती है। गाली कोई भी हो, आदत न बनाओ, किसी के बहकावें में आकर,माँ को न भुलाओ। करो बस प्यार,प्यार बाँटने को अमल में लाओ, जन्म देने वाले को,फिर तुम पर नाज हो। माँ! तुझे सलाम!!! माँ! तुझे सलाम!!! -सबील अहमद #NojotoQuote #तन्हा_परिंदा Complete कविता का अंश यहां पढ़ें... #कविता-माँ! तुझे सलाम!! माँ! तुझे सलाम!!! माँ! तुझे सलाम!!! जननी है,खुद के जिस्म का हमें एक हिस्सा बनाया,