सुनो! कुछ कहना है तुमसे.. मुझे ना तुम्हें खोने से डर लगता है.. यूँ तन्हा तन्हा होने से डर लगता है.. मैं तुमसे ज़ुदा ना हो जाऊँ ऐसा सोचकर ही मन घबराता है! ज़िंदगी की अंतिम क्षण तक मैं यूँही तुम्हें चाहूँ दिल ये चाहता है! अमावस्या हो या पूनम की चाँदनी रात हो बस मुलाकात हो.. उसपल में मैं तुम्हें अपनी पलकों में रख मूँद लूँगी आँख को.. हो ना सकोगे ओझल मुझसे,मीट ना पाएगी ये चाहत, अमर होगा प्यार हमारा चाहें अंतिम मेरी साँस हो! ♥️ Challenge-877 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।