अपने लबों की लाली से ये बेजार कमरा सजाया क्यू ये एक था जब मेरे होंठों पर दूसरा जाम तू लाया क्यू कभी मुकमल न होने वाला सपना दिखाया क्यू जब पहले से मौजूद था तेरे सीने में फिर मेरा दिल चुराया क्यू ©Dr Ravi Lamba #Blosso