दिनांक - 15 अगस्त 1947
आज सुबह हमने एक आजादी देश में सांस ली। कल आधी रात को ही आजाद भारत का एलान हो चुका था। खुशी में रात भर मुझे नींद ही नहीं आई। सुबह हुई और रेडियो पर आजाद भारत की घोषणा होते ही जश्न का आलम फैल गया। चारों तरफ़ तिरंगे लेकर यात्रा निकाली गई। लाल किले के प्राचीर पर प्रथम बार नेहरू जी ने तिरंगा फैलाया और बिस्मिल्लाह खां ने शहनाई बजाकर आजादी की पहली सुबह का शानदार स्वागत किया।
आज मुझे अपने उन सभी साथियों की भी याद आ रही है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देदी। हिन्दू, मुस्लिम, सिख सभी ने लड़ाई में सक्रिय भागीदारी निभाई और ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंका।
आज के दिन में जश्न के साथ गुलामी के जख्मों का अहसास भी रहा। यह समझ नहीं आ रहा था कि जिस आजादी को पाने के लिए हिन्दू-मुस्लिम दोनों ने मिलकर संघर्ष किया है, आज वह अलग कैसे हो गए। ब्रिटिश हुकूमत से मिली आज़ादी के साथ ही भारत-पाक विभाजन की ख़बर एक ऐसी घटना है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब ना जाने आने वाले दिनों में देश का क्या होगा।।
- महिमा। ❤️
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