#OpenPoetry बैठाए थे जो लोग पलका प , आज वे आँखा ने फुक गे , इब त अल्फ़ाज़ मै किस्ती चालेगी रेय , बेरा है क्यू ? क्योंकि इनके दिए दर्द इब समुंदर सुख गे ।। फ़ायदा ठा गे मजबूरी का आँखा में आंसू दिखा क , चोट मारगे गहरी दिल मे ख्याल राखिये अपना , न्यू भी कह गे मरहम लाकअ,, ये त प्यार - प्रेम आला जहर मार गे मैं त दुआ लेके बैठा सु , अपने भीतर जाक क देखो सालो तम हार गे ,, जिंदगी मैं कोय दूसरा काम नही करा , धोखा दे क भी साला का पेटा नही भरा , एक दिन थारी उड़ती पतंग न काटू गा , भीख मांगो गे मरण खातर , अर तमने तड़पता देख मैं नाटू गा ,, जिंदगी वसूला प जी जाया करे , दूसरा के सहारा प नही , भरोसा प्यार में होया करे , जूठे लारा प नही ,, एक बीज मोहबत का बोया था , खांडे आले न फसल दर्द की काटी थी, हक़ीक़त स यारो आजमा क देख लियो ,, या ज़िदंगी भी साली कदे जूठी , अर कदे साची थी ।।....(खांडे आला ) #OpenPoetry मजबूरी ... खांडे आला #Story #Poem #Status #Quotes #Whatsapp_status #Best #New #Shyari