हम है तन्हाई के इतने रू-ब-रू के अभी ज़रा से शोर से मर जाऊँ मैं मुझे प्यास है समुन्दर की मग़र उसके आंखों के पानी से मर जाऊँ मैं है तलब इतनी दीदार-ए-महबूब की के उसकी परछाईं से मर जाऊँ मैं ये शायरी उसकी ही मेहरबानी है याद न आए तो परेशानी से मर जाऊं मैं ©Aparna Mishra #thought #fallinlove #Hindi #Nojoto #ujala USTAD ISMAIL WASIF SAHAB Indian 0162 Roshni Rajbhar