*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,* *ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!* *"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....* *पहले मुड़ कर देखते थे ....* *अब देख कर मुड़ जाते हैं* *आज परछाई से पूछ ही लिया* *क्यों चलती हो , मेरे साथ* *उसने भी हँसके कहा-* *दूसरा कौन है तेरे साथ* 🌺 प्रेम कुम्भकार 🌺 ©PREM Kumbhkar बहुत हि सुंदर लाइन 👌👌👌 #Dark