Nojoto: Largest Storytelling Platform

*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,* *ग़म फुरसत में थे -

*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,*
*ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!*
*"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....*
*पहले मुड़ कर देखते थे ....*
 *अब देख कर मुड़ जाते हैं*
 *आज परछाई से पूछ ही लिया* 
*क्यों चलती हो , मेरे साथ*
*उसने भी हँसके कहा-*
*दूसरा कौन है तेरे साथ*

          🌺  प्रेम कुम्भकार  🌺

©PREM Kumbhkar बहुत हि सुंदर लाइन 👌👌👌

#Dark
*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,*
*ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!*
*"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....*
*पहले मुड़ कर देखते थे ....*
 *अब देख कर मुड़ जाते हैं*
 *आज परछाई से पूछ ही लिया* 
*क्यों चलती हो , मेरे साथ*
*उसने भी हँसके कहा-*
*दूसरा कौन है तेरे साथ*

          🌺  प्रेम कुम्भकार  🌺

©PREM Kumbhkar बहुत हि सुंदर लाइन 👌👌👌

#Dark