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(फुलवा के सवाल पर फूलचंद का ज़वाब) he- फुल्लो ! ये

(फुलवा के सवाल पर फूलचंद का ज़वाब)
he- फुल्लो ! ये दुनिया है और इसमें हर तरह के
लोग होते हैं,,,,, अच्छे ,,,बूरे सभी तरह के लोग
(फुलवा फूलचंद को ध्यान से सुनते हुए)
he- लेकिन इस दुनिया में यकीन बडा होता है।
ये नहीं,,,की,,,आंख मूंद कर यकीं किया जाए,,
बल्कि फुल्लो ,,,, ख़ुद से सवाल करके करो।
(फुलवा फूलचंद कि बातें समझने कि कोशिश करती है)
he- फुल्लो! न जाने कब प्यार हुआ और कब इज़हार,,
,,,, (तालाब कि ओर मुख करके) लेकिन,,, तुमने
मेरे इज़हार पर ख़ुद से सवाल किए होंगे ,,, और
she- और क्या फूल्ले (फूलचंद को थपकी देकर)
he- और मेरी हर बातों में तुमने अपने सवालों के
ज़वाब तलाशे होंगे,,,,, फुल्लो ,,,,! यूं ,,ही तो,,,,,
यकीन होता है किसी के कहने भर से ,,,,,,
she- हां! (बात को स्वीकारते हुए),,,,,
(और फुलवा अपनी नज़रें झुकाए खड़ी है)
(अपने मोबाइल से फूलचंद एक रिंग करता है और )
he- फूल्लो ! ,,,,,, वो देख कौन आ रहा है?
(तालाब कि ओर दोनो कि फैमिली आते हुए )
she- (फुलवा आश्चर्य से ,,,,,,,, ये,,, ये,,, कैसे फूलचंद,, चंद,,जी
(धीरे धीरे दोनो फैमिली नजदीक आ रही है और)
he- फूल्लो !,,,,,
she- हां ! बोलो फूल्ले 
he- तुमसे इज़हार करने से पहले मैने 
(फैमिली कि ओर इशारा करके)
मैंने इन सबसे साथ निभाने का वादा किया था
-------------------

©Vishalkumar "Vishal" (फुलवा के सवाल पर फूलचंद का ज़वाब)
he- फुल्लो ! ये दुनिया है और इसमें हर तरह के
लोग होते हैं,,,,, अच्छे ,,,बूरे सभी तरह के लोग
(फुलवा फूलचंद को ध्यान से सुनते हुए)
he- लेकिन इस दुनिया में यकीन बडा होता है।
ये नहीं,,,की,,,आंख मूंद कर यकीं किया जाए,,
बल्कि फुल्लो ,,,, ख़ुद से सवाल करके करो।
(फुलवा फूलचंद कि बातें समझने कि कोशिश करती है)
(फुलवा के सवाल पर फूलचंद का ज़वाब)
he- फुल्लो ! ये दुनिया है और इसमें हर तरह के
लोग होते हैं,,,,, अच्छे ,,,बूरे सभी तरह के लोग
(फुलवा फूलचंद को ध्यान से सुनते हुए)
he- लेकिन इस दुनिया में यकीन बडा होता है।
ये नहीं,,,की,,,आंख मूंद कर यकीं किया जाए,,
बल्कि फुल्लो ,,,, ख़ुद से सवाल करके करो।
(फुलवा फूलचंद कि बातें समझने कि कोशिश करती है)
he- फुल्लो! न जाने कब प्यार हुआ और कब इज़हार,,
,,,, (तालाब कि ओर मुख करके) लेकिन,,, तुमने
मेरे इज़हार पर ख़ुद से सवाल किए होंगे ,,, और
she- और क्या फूल्ले (फूलचंद को थपकी देकर)
he- और मेरी हर बातों में तुमने अपने सवालों के
ज़वाब तलाशे होंगे,,,,, फुल्लो ,,,,! यूं ,,ही तो,,,,,
यकीन होता है किसी के कहने भर से ,,,,,,
she- हां! (बात को स्वीकारते हुए),,,,,
(और फुलवा अपनी नज़रें झुकाए खड़ी है)
(अपने मोबाइल से फूलचंद एक रिंग करता है और )
he- फूल्लो ! ,,,,,, वो देख कौन आ रहा है?
(तालाब कि ओर दोनो कि फैमिली आते हुए )
she- (फुलवा आश्चर्य से ,,,,,,,, ये,,, ये,,, कैसे फूलचंद,, चंद,,जी
(धीरे धीरे दोनो फैमिली नजदीक आ रही है और)
he- फूल्लो !,,,,,
she- हां ! बोलो फूल्ले 
he- तुमसे इज़हार करने से पहले मैने 
(फैमिली कि ओर इशारा करके)
मैंने इन सबसे साथ निभाने का वादा किया था
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©Vishalkumar "Vishal" (फुलवा के सवाल पर फूलचंद का ज़वाब)
he- फुल्लो ! ये दुनिया है और इसमें हर तरह के
लोग होते हैं,,,,, अच्छे ,,,बूरे सभी तरह के लोग
(फुलवा फूलचंद को ध्यान से सुनते हुए)
he- लेकिन इस दुनिया में यकीन बडा होता है।
ये नहीं,,,की,,,आंख मूंद कर यकीं किया जाए,,
बल्कि फुल्लो ,,,, ख़ुद से सवाल करके करो।
(फुलवा फूलचंद कि बातें समझने कि कोशिश करती है)