झूम झूम के बरस पड़ी मेघा खुशमिजाज हो रहा मन क्या तुमने देखा भीग रहा बरसात से मेरा ये तन हो रही हूं में बस इन्हे देखने में मगन गरज गरज मेघा छुपे जा रहा बारिशों में जैसे इसे किसी ने देखा ही नहीं आने मै बारिशों की शोर में.. कुछ और सुन नहीं पाई मै तुमने कुछ कहा बताया है तुम्हारी मुस्कान ने मेरे गलियों से गुजर रही है ये धाराएं होकर गुजरेगी तुम तक क्या तुमने कागज के नाओ बनाई मन्न मोर सा नाच रहा झूम झूम के बरसात में मेरा हांथ थामो चलो भीगते है बरसात में.....☔☔🌨️🌧️ Rainy