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ज़ब भी छुटियों गाँव जाता हूँ.. खुद को जादा समझ पाता

ज़ब भी छुटियों गाँव जाता हूँ..
खुद को जादा समझ पाता हूँ.
शहर आते वक़्त सोचता हूँ..
और बहुत सोचता हूँ..
कि मैं खुद में बदलाव चाहता हूँ..
जब भी मैं गाँव जाता हूँ..

©kapil rawat #gaw
ज़ब भी छुटियों गाँव जाता हूँ..
खुद को जादा समझ पाता हूँ.
शहर आते वक़्त सोचता हूँ..
और बहुत सोचता हूँ..
कि मैं खुद में बदलाव चाहता हूँ..
जब भी मैं गाँव जाता हूँ..

©kapil rawat #gaw