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उजियारा समेटने बाहों में जब आए निशा बनकर के शाम उड

उजियारा समेटने बाहों में
जब आए निशा बनकर के शाम
उड़ते खाली बादलों में
जब लालिमा रूपी छलके जाम
मदहोश बहती हवाओं से तब
मैं इकरार करता हूँ....
दूर रहकर भी यूँ उनसे..
मैं इज़हार करता हूंँ

उजियारा समेटने बाहों में जब आए निशा बनकर के शाम उड़ते खाली बादलों में जब लालिमा रूपी छलके जाम मदहोश बहती हवाओं से तब मैं इकरार करता हूँ.... दूर रहकर भी यूँ उनसे.. मैं इज़हार करता हूंँ #Poetry #Love #Hindi #longdistance #nojotopoetry #nojotohindi #nojotoaudio #nojotoLove #bhuwnesh

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