ये क्या की चंद ही कदमों में थक के बैठ गए हो,तुम्हें तो साथ मेरा ज़िन्दगी भर निभाना था, के थोड़ी दूर तो साथ चलो। वक़्त कट के भी कटता नहीं, तेरे खोने का ग़म मिटता नहीं, के थोड़ी दूर तो साथ चलो, सिखा गए हो ज़िन्दगी सादगी सी है भरी, जैसे अतिथि है आँगन में भगवान रूपी। के थोड़ी दूर तो साथ चलो। वो मंज़र रुला देता है जब तू रुख़सत हुआ, न जाने अब कोई ढांढस बंधता क्यों नहीं, के थोड़ी दूर तो साथ चलो। ए मेरे दोस्तों राहनुमा-ए राहगीर एक ठुकराया न समझना एक रुह का भटकाया, न छोड़ो अब ये गुहारी दिल फरमाया,के थोड़ी दूर तो साथ चलो। के तुम थोड़ी दूर तो साथ चलो। थोड़ी दूर तो साथ चलो... #साथचलो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi