तेरी एहसास को सिलवटों में ढूंढ लें तेरे अक्स को गम के अंधेरे में टटोलें तेरी नूर को रात की चादर में खंगालें तेरी खुशबू को बादे-सर्रसर में संभालें इसी बादे-सर्रसर में खुद को भी उड़ा लें .............चलो फिर कोई गीत सुना लें ✍️ बन्धु_उवाच कोई गीत सुनाएं