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सुना है....वो मकान अब जर्जर हो गये हैं!! जिनमे कभी

सुना है....वो मकान अब जर्जर हो गये हैं!!
जिनमे कभी हमने आँखें खोली थी!
वो गोद अब अकेली पड़ गयी है..!!
जिनमें हमने बचपन गुजारा था
सुना है...वो बरगद के पेड़ अब बूढ़े हो चले हैं।
जिनपर हम कभी "झूला" झूला करते थे,
वो नीम के पेड़ भी अब जर्जर हो गये हैं
जिनकी आड़ में हम छुपा करते थे।
सुना है...वो मकान अब जर्जर हो गये है
जिसमे हमने होश संभाला.........
जीवन का सुनहरा पल गुजारा। 
अब तो माँ पिताजी भी दूर ही रहते हैं!
जो कभी पल भर ओझल होते ही बेचैन होते थे।
सुना है...गांव की वो गलियाँ अब सुनी रहती हैं,
जहाँ पर्व का हर्षो उल्लास आवागमन रहता था।  वो अध्यापक अब बूढ़े हो चले हैं,
कुछ हैं कुछ चल बसे हैं!..........
जिन्होंने ज्ञान प्रकाश दिया......
सुना...है बाग में वो आम के पेड़ भी जर्जर हो गए है,,
अब वो फलते नही उनकी जड़ो में ताकत नहीं
बहुत बूढ़े हो चले है! कुछ तो गिर गए..कुछ गिरने को हैं!
सुना...है वो साइकिल भी अब जर्जर हो गई है।
जिसको चलाने से हम जीवन में असीम सुख का अनुभव करते थे।
सुना है....वो मकान अब जर्जर हो गये हैं!!
जिनमे कभी हमने आँखें खोली थी!
वो गोद अब अकेली पड़ गयी है..!!
जिनमें हमने बचपन गुजारा था
सुना है...वो बरगद के पेड़ अब बूढ़े हो चले हैं।
जिनपर हम कभी "झूला" झूला करते थे,
वो नीम के पेड़ भी अब जर्जर हो गये हैं
जिनकी आड़ में हम छुपा करते थे।
सुना है...वो मकान अब जर्जर हो गये है
जिसमे हमने होश संभाला.........
जीवन का सुनहरा पल गुजारा। 
अब तो माँ पिताजी भी दूर ही रहते हैं!
जो कभी पल भर ओझल होते ही बेचैन होते थे।
सुना है...गांव की वो गलियाँ अब सुनी रहती हैं,
जहाँ पर्व का हर्षो उल्लास आवागमन रहता था।  वो अध्यापक अब बूढ़े हो चले हैं,
कुछ हैं कुछ चल बसे हैं!..........
जिन्होंने ज्ञान प्रकाश दिया......
सुना...है बाग में वो आम के पेड़ भी जर्जर हो गए है,,
अब वो फलते नही उनकी जड़ो में ताकत नहीं
बहुत बूढ़े हो चले है! कुछ तो गिर गए..कुछ गिरने को हैं!
सुना...है वो साइकिल भी अब जर्जर हो गई है।
जिसको चलाने से हम जीवन में असीम सुख का अनुभव करते थे।

वो अध्यापक अब बूढ़े हो चले हैं, कुछ हैं कुछ चल बसे हैं!.......... जिन्होंने ज्ञान प्रकाश दिया...... सुना...है बाग में वो आम के पेड़ भी जर्जर हो गए है,, अब वो फलते नही उनकी जड़ो में ताकत नहीं बहुत बूढ़े हो चले है! कुछ तो गिर गए..कुछ गिरने को हैं! सुना...है वो साइकिल भी अब जर्जर हो गई है। जिसको चलाने से हम जीवन में असीम सुख का अनुभव करते थे। #YourQuoteAndMine #tmkosh #hkkhindipoetry #हिन्दी_काव्य_कोश