कभी सोंचा ना था मिल कर भी यूं बिछड जायेंगे हम, तुम कहीं भी रहो तुम्हे याद बन कर सताएंगे हम। और कभी वक्त मिले तो आ कर पूछना सुकु–ए–जिंदगी, तेरी बाहों में सिमट कर सो जायेंगे हम। ©Vivek Singh , कभी #सोचा न था #मिल कर यूं बिछड जायेंगे हम, #तुम #कही भी रहो तुम्हे #याद बन कर सताएंगे #हम। और कभी #वक्त मिले तो आ कर #पूछना सुकु–ए– #जिंदगी, #तेरी बाहों में सिमटेंगे और सो जायेंगे हम। Suresh khare