.. दूं दाद बस एक बात पे ख़ुद को ख़ुद ही, हद से हाल हए याद हिदायतें रहीं माँ की.. .. पहली नज़र में मचले दिल को भाया कोई, देर बीते सूझा है माँ सी ममासिलत उन की.. .. कितनी मख़सूस रहीं हरेक वो पल पहलू खिले नम रंग बू से ख़ुश्क हो झरते गुल की.. .. 🌱खुशामदीद..💞 ममासिलत माने, एक-सा दिखना, अंग्रेज़ी में कहें रीज़ेमब्लेंस/resemblance.