रात की बात होती है जब हम हो बस खुद के साथ हमसफर है, तन्हाई में भी अपनी सी है, , ओझल होती बस आखों से रौशनी पर खोलती है मन की आखें, मन को तो बस पसंद है बस धनघोर काली रातें, कह जाती है बिना रुके, बिना थके दिन भर की सारी बाते, हमसफर सी है तनहाई जो चुपचाप दबे पाव रात को आकर कह जाती है मन की बात, ना वक्त कि परवाह इसे, ना खौफ दुनिया का, ना तो कैद है किसी के सोच मे! मेरी तेरी सांसो के सफर की बात, बस ।।रात की बात ।। ©Raj #RaatKiBaat #Raat #NightQuotes #NojotoImagePrompt #रात_की_बात