कोई कहें देवी, कोई कहें माता पर अभी भी स्त्री का सम्मान करना पुरूषों को नहीं आता.... समय के साथ हर कोई हैं आगे बढ़ जाता फिर नयी सोच के साथ क्यों नही बढ़ पाता? हैं जगत जननी, तू विश्वविधाता फिर बेटी होने की ख़बर सुनते ही मानव का मुँह क्यों हैं उतर जाता? तुझे पूजने वालों से, मेरा ये सवाल हैं माता क्यों आज भी बहूओं को ल्हज़े की बेड़ियों में हैं बाँधा जाता ? क्यों अाज भी बेटियों को उड़ने से हैं रोका जाता हैं? क्यों आज भी उसका हर निर्णय पुरूषों द्वारा हैं लिया जाता? हे दुर्गा माँ ! मुझे यह सवाल बड़ा ही हैं सताता ।। #नवरात्री 🔱❤ ©Neha Jha #माँ_दुर्गा_❤ #navratri 🔱