अक्सर लोग महल के कंगूरे को देखता है नींव को नहीं जिस पर महल की भव्यता निर्भर करती है या झलकती है। भोजपुरी जगत में अश्लील गीत लिखने वाले रचनाकार उसी नींव की तरह होते हैं जो हमें दिखते नहीं हैं। भोजपुरी जैसे सरस भाषा की कमनीयता पर कामुकता के लेप लगाने वाले ये रचनाकार ही असली दोषी हैं जिन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ©Dharmendra singh भोजपुरी में अश्लीलता #Music