#5LinePoetry एक डॉक्टर की कलम से... वो नन्ही सी चिड़िया छोड़ आया हूं। वो चूड़ियों की छनक छोड़ आया हूं। वो गजरे की खुश्बू छोड़ आया हूं। वो दोस्तो की गुपशुप छोड़ आया हूं। वो मां की तरसती बाहों को छोड़ आया हूं। ए कोरोना...!! अब क्या में अपनी जान भी छोड़ दूं...!!! ©maher singaniya एक डॉक्टर की कलम से... #5LinePoetry