गली-गली शहर-शहर मे तेरे ही आशिक मिलते है क्या बात है जो सबकी जुबॉ पर तेरे ही चर्चे रहते है शायद कोई जादू टोना कर दिया तूने इन सब पर देख जवान तो जवान बुढ़े-बच्चे भी तुझपे मरते है अब तू मरज बन गई है इनकी जिन्दगी की डाक्टर भी सुबह शाम तुझे देखने की दवा देते है एक दिन क्या गये उनकी महफिल मे अली अबतो जमाना भी हमे उनका दिवाना कहते है हाले #दिवानगी