●● इश्क करना सिखा दिया ●● =================== उसकी सासों ने , साँसे भरना सिखा दिया। न जाने कब , इश्क करना सिखा दिया। वो कहती थी-हस्ते रहा करो,अच्छे लगते हो। उसकी इसी याद ने आज, फिरसे रुला दिया। सुनकर आँखे भरेगी वो , कि-हम याद करते है। उसकी फिकर में हमनें , मिसरा ही मिटा दिया। और फरियाद ज़रा सी,दौलत की क्या करदी। सिक्के का इक पहलू उसे-इक हमे बना दिया। दुआ मिलन की कुछ इस कदर क़ुबूल हुई। जैसे इक प्यासे को सागर में डूबा दिया। लगता है -फिर आ बसी है , वो उन्ही गलियों में। वर्ना कौंन है -जिसने,सारे शहर को महका दिया। " विकास शर्मा " #इश्क_करना_सिखा_दिया.........! #nojotoगज़ल#nojotoशायरी#नोजोतोpoetry#nojotoग्वालियर.......!