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कोई कैसा भी रिश्ता हो यह जमाना ऐसा है, की मां, बा

कोई कैसा भी रिश्ता हो 
यह जमाना ऐसा है,
की मां, बाप, भाई, बहन, रिश्तेदार
और दोस्त सब किनारा कर निकलने लगते है।  
पहले मैं सोचता था कि कोई दोस्त किसी कि मदद
भी कर रहा है तो उसको किसी और का सहारा 
लेना पड़ता है क्योंकि उसको पता होता है। 
कि यदि उसने अपना कह के दिया तो पैसा भी लटक जायेगा और व्यवहार परिवार दोस्त सब के सब रिश्ते आप खो देंगे।

©Praveen  Nayak
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वो बात बिलकुल सही लगती है मतलबी दोस्त है मतलबी यार है।

#titliyan #selfish #friends #nofriends वो बात बिलकुल सही लगती है मतलबी दोस्त है मतलबी यार है। #Society

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