मन की ख़्वाहिश को जब राह नहीं मिलती। तन की मेहनत भी जब साथ नहीं चलती। भले बैठे रहे बगिया में फूलों की कतारें थीं। टूटे हुए दिल को वहाँ ख़ुश्बू नहीं मिलती। पराई हो गई दुनिया कोई अच्छा नहीं लगता। दिलासा देने तब ख़ुद को यही बात जँचती है। अपना क्या है... #अपनाक्याहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi