जल आशय जल वाष्प बन, सघन गगन घहराय । प्रेम की वर्षा करन को, मेघा नभ में छाये ।। अर्जित प्रेरण प्राण कर, प्राणी जगत हर्षाय । मेघा तब भूलोक पर, जीवन जल बरसाय ।। तृप्त दीप्त जड़ चेत सब, भरपूरित जल पाव । प्यास बुझे धन-धान्य जग, मनु प्रभु के गुण गाव ।। #waterislife #alokstates #जल #दोहा #infinitelove #earth #yqbaba #yqdidi