मवाके बहुत हैं आस पास मेरे कुछ मेरे सिर पे, जिम्मेदारिया हैं मैं,किसी और को देखूं तो कुफ्र लगता हैं मुझ पे मेरे इकतरफा इश्क़ की खुमारियाँ हैं उस पे मुझ को नहीं हैं,ना ही सही मुझ पर,सिर्फ उस की दावेदारियां हैं मुझ मे एक लफ़्ज़ और कह सकने की हिम्मत नहीं बाक़ी अब तो फैली चारो तरफ खामोशी हैं उस ने मुझ को अपना कभी माना भी नहीं क़िस हक़ से,पास जाती भी ज़िंदगी बस सबक में गुजरी हैं फ़िक्र हैं, डर हैं, घाव हैं दिल अज़ारिया हैं... ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes शायरी लव रोमांटिक शायरी लव रोमांटिक लव शायरी लव शायरी हिंदी में