कितने थे राह देखे,जलते हुये शबाब देखे
किसी दिन मिलूँगा तुझसे,ऐसे थे ख्याब देखे
ठहरा हूँ आज भी मैं वर्षो का इंतजार है
कैसे कहूँ तुझसे कितना प्यार है
दिल मे थोड़े दबे है दर्द ,चेहरे पर उदासी है
तेरे एक दीदार को बैठी अँखिया प्यासी है
बचपन का साथ था जो छूट गया आज है वो
समझ न पाया वो दिल भी टूट गया अचानक क्यों #Love#SAD#कविता#alfajedard#WinterFog