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हमेशा से साफ़ थे उनके इरादे न सज़दा किया ना किये कोई

हमेशा से साफ़ थे उनके इरादे
न सज़दा किया ना किये कोई वादे
हम ही मशरूफ़ थे इश्क़ का जहां बसाने में
जो हमारा न था कभी उसे अपना बनाने में
खुद से ही झूठ कहते रहे "इश्क़ है इश्क़ है "
वक़्त ज़्यादा ना लगा उन्हें
हमें हकीकत दिखाने में

©Prachi Mishra
  हमेशा से साफ़ थे उनके इरादे
न सज़दा किया ना किये कोई वादे
हम ही मशरूफ़ थे इश्क़ का जहां बसाने में
जो हमारा न था कभी उसे अपना बनाने में

हमेशा से साफ़ थे उनके इरादे न सज़दा किया ना किये कोई वादे हम ही मशरूफ़ थे इश्क़ का जहां बसाने में जो हमारा न था कभी उसे अपना बनाने में #Love

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