दिल के जज़्बात मुझे ठुकरा कर,तुमने बहुत अच्छा किया, क्योंकि मैं तेरी दोस्ती के,काबिल नहीं था। लिखा करता था बस,यूंही शेर ओ शायरी, सवारे थे अल्फाज,कोई गालिब नहीं था। दिल चाहता था,बस दिल तुम्हारा चुराना, मन मेरा आदतन,चोर ए शातिर नहीं था। क्यों करते रहे,नजरेअंदाज मेरी भूल को, सब कुछ पता था तुझे,अनजान नहीं था। बीच राह बन जाएगा,ज़िन्दगी ए तमाशा, करता न भूल कभी,ऐसा मालूम नहीं था। सुना दिया अब तुमने एक तरफा फैसला, किताबों में भी ये कानून लिखा नहीं था। सिखायेगी भूले,होले होले ज़िंदगी जीना, सिखाती हर भूल सबक,ये पता नहीं था। JP lodhi 10/08/2021 ©J P Lodhi. #Dil_ke_jazbaat #zindgi #Feeling #nojotowriters #Nojototeam #Poetry