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खालीपन इस दुनिया का और भरा-भरा सा मेरा मन भीतर-भी

खालीपन इस दुनिया का 
और भरा-भरा सा मेरा मन
भीतर-भीतर छीज रहा है
मेरे हृदय का विस्तृत आँगन
यह बारिश तेरी स्मृति सी
महका दी है सारा कण-कण
अंदर से कुछ टूट रहा है
जो मुझ को देता घनी चुभन
सब व्यथा कथा निस्सार
प्रिये! न कहना है विनिवेदन
वह शाम मुझे न भूलेगी
मलयानिल की शीतल सिहरन
तेरे होठों की अरुणाभा
नव पंखुड़ियों की मधुर छुअन #shamaurtanhai #193 #anam #365days365quotes
खालीपन इस दुनिया का 
और भरा-भरा सा मेरा मन
भीतर-भीतर छीज रहा है
मेरे हृदय का विस्तृत आँगन
यह बारिश तेरी स्मृति सी
महका दी है सारा कण-कण
अंदर से कुछ टूट रहा है
जो मुझ को देता घनी चुभन
सब व्यथा कथा निस्सार
प्रिये! न कहना है विनिवेदन
वह शाम मुझे न भूलेगी
मलयानिल की शीतल सिहरन
तेरे होठों की अरुणाभा
नव पंखुड़ियों की मधुर छुअन #shamaurtanhai #193 #anam #365days365quotes