White जो जहां हैं, रास्ता निकालें , बंद मुट्ठी से सिक्का उछालें, जम नहीं पाता है, ये और बात है, सिक्का तो सिक्का है, इक्का -दुक्का निकालें, और उछाल दें गगन की ओर हवा में, शायद चित भी अपनी हो, पट भी अपनी हो, सिक्का जमने न पाए, जम जाए कुछ रंग, किस्मत जिसको कहते हैं, आजमाएं नुस्खा कहके। जो जहां हैं, रास्ता निकालें। ©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_qoute #किस्मत इस को कहते हैं। मोटिवेशनल कविता इन हिंदी