इस घर में आराम नहीं पड़ता, अब इस मकाँ में दिल नहीं लगता। इस बाग़ में कलियाँ ही टूट पड़ती हैं, यहाँ पर कोई फूल क्यों नहीं खिलता। दीवारों से टकरा कर गिर जाती हैं अकसर वो मेरी कोई बात क्यों नहीं सुनता। वो जो ज़रा-सी बात पे रूठ जाते हैं साहिब उन्हें मनाने का कोई तरीका क्यों नहीं चलता। _सफ़र_ #unknown #love #Best_journey_ever