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प्रचंड वेग से आया मैं,ब्राह्मण-असुर का जाया मैं था

प्रचंड वेग से आया मैं,ब्राह्मण-असुर का जाया मैं
था विश्व का सबसे बड़ा ज्ञानी मैं
शिव में समाया मैं...
रहते दरबार में सभी देवता नतमस्तक मेरे
सोने में सुगंध कर देता मैं
दस सिरो वाला दशानन मैं
था अमरत्व का वरदान लिए
पर लोभ-काम से हरा मैं
ले आया छल से सीता को मैं...
बुद्धि का विनाश था मेरा,कुल का नाश था मेरा
रामसिया को ना जान पाया मैं
थी चतुरंगनी सेना साथ फिर भी
वनवासी से हारा मैं....
सामने था तेज पुरुषार्थ का
अहंकार,लोभ,घमंड,अभिमान,काम से हरा मैं
मेरे मन के विचारों अधर्म का दहन है...
तभी तो जग में रावण रूपी भावनाओ का पर्व
रावण दहन है.!!

विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

©Monika Arya
  विजयदशमी..!!
monikaarya2071

Monika Arya

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विजयदशमी..!! #Life

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