Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक कुतते और ईनशान की बेपनाह पसार से सौते तसविर से

एक कुतते और ईनशान की बेपनाह पसार से सौते तसविर से याद आया,
इनसान भी कितनी खुगरज होती है 
जो आपने दामन पे लागे  दाग कभी दिखाता नही, 
मैै ने कितनी सितददत से दोसती निभाई, उनहोने कितनी बेरेहमी से कततल कर दिए,
जिस दोसती पर नज थी, उसी दोसती ने खून की आँखु रुलयी
वकत नदी की तरह बेहते चले गए, 
मुलाकाते भी कम होते चले गए 
आब तो दुरी ईतनी बर गई है कि दोसती हे या दुसमनी पेहचाना मुकिल सी हो गइ हे,
आब रिसते पैसौ से निभने की नोबत आ गई है, 
पर उनहे कुततो की तरह वफादार दोसत चहिए ।

©Radhika Dosti aur bewafai
एक कुतते और ईनशान की बेपनाह पसार से सौते तसविर से याद आया,
इनसान भी कितनी खुगरज होती है 
जो आपने दामन पे लागे  दाग कभी दिखाता नही, 
मैै ने कितनी सितददत से दोसती निभाई, उनहोने कितनी बेरेहमी से कततल कर दिए,
जिस दोसती पर नज थी, उसी दोसती ने खून की आँखु रुलयी
वकत नदी की तरह बेहते चले गए, 
मुलाकाते भी कम होते चले गए 
आब तो दुरी ईतनी बर गई है कि दोसती हे या दुसमनी पेहचाना मुकिल सी हो गइ हे,
आब रिसते पैसौ से निभने की नोबत आ गई है, 
पर उनहे कुततो की तरह वफादार दोसत चहिए ।

©Radhika Dosti aur bewafai
radhika1074

Radhika

New Creator