बचपन और जिम्मेदारी पैर लड़खड़ाए, जब जिम्मेदारी का बोझा पड़ा जो बचपन सुहाना, उस हाथ काम का बोझा पड़ा वक्त बेवक्त साथ छूटा, किताबों का अपने भी नहीं रहे, साथ रहा जिम्मेदारी का दोस्ती हुई जिम्मेदारी से, यह एहसास बचपन का था यूं तो बीतता बचपन गिलीडंडा में, कुछ एहसास ही जिम्मेदारी का था, जो इंसान आज बड़ा बना.. #bachpan #responsibility #Nojoto #NojotoHindi #HarshaPungliya