चाहा है जबसे तुमको, हुआ तबसे मुझे खुद से ही प्यार है।💕 तुम्हारे होंठों पर जब भी सजती हूँ मैं, सच कहती हूँ, सुकून में तब होती हूँ मैं। तुम्हारी आँखे मुझे, ख्वाब दिखाती है। मेरा होना इनमें मुझे, खुद से ही मिलवाती है। सच है कि मुझे इश्क़ है, तुमसे बेपनाह। क्योंकि ये मुझे फिर से, जीना सिखाती है।। #सुचितपाण्डेय💕 #इश्क़हुआ #चाहतों_के_मायने #प्यार_का_एहसास #yqlovepoetry #सुचिता #suchitapandey चाहा है जबसे तुमको, हुआ तबसे मुझे खुद से ही प्यार है। तुम्हारे होंठों पर जब भी सजती हूँ मैं, सच कहती हूँ, सुकून में तब होती हूँ मैं। तुम्हारी आँखे मुझे, ख्वाब दिखाती है।