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अहंकार कैसा भी हो नहीं रहता अच्छा। चाहे वो धन का ह

अहंकार कैसा भी हो
नहीं रहता अच्छा।
चाहे वो धन का हो
ज्ञान का हो
रूप का हो
यौवन का हो
और तो और 
भक्ति का भी 
अहंकार
मान्य नहीं ईश्वर को।
इसलिए हे मेरे मन के
अहंकार!
दूर हो जाओ तुम
मुझे"मनु" रहने दो।

©मनोज कुमार झा "मनु"
  अहंकार दूर करें प्रभु

अहंकार दूर करें प्रभु #पौराणिककथा

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