#OpenPoetry मौसम बहारों का है, गुल भी खिल गए हैं, सोचा ही था एक पल उसको, कि ग़ज़ल बन गए हैं, जादू उसकी आंखों का, मुझ पर चल गया, एक नजर ही देखा उसको, वो दिल में उतर गया, बारिश हुई मोहब्बत की, अब हम भी धुल गए हैं, मौसम बहारों का है गुल भी खिल गए हैं, मुस्कुराहट उसकी ऐसे, मेरे दिल को भा गई, बन कर जान मेरी वो, मुझ में ही समा गई, चाहत की उसके मुझ में, फूल भी खिल गए हैं, मौसम बहारों का है, गुल भी खिल गए हैं। #Dear Zindagi