गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि मानव स्वभाव में जलन की भावना का उत्पन्न होना गलत है जलन को दूसरे शब्दों में ईशा कहते हैं जलन का स्वाभाविक अग्नि तुल्य है जैसे अग्नि अपने समीप में आई वस्तुओं को जलाकर राख बना देती है ठीक उसी तरह ईशा मानव की बुद्धि को नष्ट कर देती है जिस प्रकार कचरा किसी स्थान को दुर्गति करता है उसी प्रकार ईशा मनुष्य के जीवन को दूर कर देती है ©Ek villain #UskiAankhein #दूसरे के प्रति निष्ठा की भावना रखना गलत