धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुरस् फुरद दिगन्त संतति प्रमोद मान मानसे। कृपा कटाक्ष धोरणी निरूद्ध दुर्धरापदी क्वचिद् दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि। सुप्रभातम साथियो 😊🙏 ..... आज विकास के जिस दौर से हम (विश्व) गुजर रहे हैं, वहां किसी युद्ध विराम को सफलता नहीं मिलेगी। न कोई मानवता के इस ह्रास को रोक पाएगा। धन भी मिट्टी दिखाई दे जाएगा। विष और संहार के एक ही देव हैं-शिव। आने वाला काल इनके ताण्डव का साक्षी होगा।