बे ईमान जमाना सत्य को टटोल रहा है, फरेब को देखो झूठ पे झूठ बोल रहा है। खुदगर्जी में हरेक इंसान अंधा हो रहा है, जिसे भी देखो झूठ से सच तोल रहा है। जिधर भी देखे झूठ का ही बोलबाला है, धौंके फरेब में फंसा इंसां भोलाभाला है। झूठ को देखो हाथ के हाथ बिक रहा है, सच्चाई का नमूना तपस में सिक रहा है। मालदार खुशहाली की हंसी हंस रहा है, दीन बदहाली की चक्की में पिस रहा है। रौब की वजह खोटे सिक्के उछल रहे है, मतलब के अंधे असल को कुचल रहे है। JP lodhi 28Jan2021 ©J P Lodhi. #poetryunplugged #sunkissed #SachAurJhooth #Nojotowriters #Nojotonews #Nojotofilms #Nojotohindi #Poetry