गुरु दीपक है मन के हमारे, ज्ञान के प्रकाश तक। भंडार ज्ञान का देते हमको, पाताल से आकाश तक। बिनु गुरु हम अंधकार में, रह जाते हैं एक आश तक। चहुं ओर भरम ले चाहे कभी, उजाला मात्र की तलाश तक। गुरु दीपक है मन के हमारे, ज्ञान के प्रकाश तक। #शिक्षकदिवस #गुरुशिष्य #गुरु_की_महिमा