मन की गिरहें खोल दो मन की हर बात बोल दो ना खोलने से गिरहें काँटें बन चुभन देंगे जानते हो तुम जानती हूंँ मैं रिश्ते का क्या है मोल जीवन के लिए अनमोल मैं खोल दी सारी गिरहें अब मन में सुकून सा है अब आपकी बारी है सारे मन के बंधन को तोड़ कुछ तो बोल कुछ तो बोल सुप्रभात। मन की गिरहें खोल दो, रिश्तों को कुछ मोल दो... #मनकीगिरहें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi