तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो ये ज्योग्राफिया, फ़लसफ़ा, साइकोलाॅजी, साइंस, रियाज़ी वगैरह ये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो ? रुक गया है वो या चल रहा है हमको सब कुछ पता चल रहा है उसने शादी भी की है किसी से और गावों में क्या चल रहा है तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में क्या बैठ गया इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया यूँ नहीं है कि फ़क़त मैं ही उसे चाहता हूँ जो भी उस पेड़ की छाँव में गया बैठ गया ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है किसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही है कि ये उदासी हमारे जिस्मों से किस ख़ुशी में लिपट रही है चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें दिल पे आँखें रक्खें तेरी साँसें देखें -सिद्धार्थ सिंह Mohabbat Mohabbat..💓