"बिन तेरे इश्क़ का मेरा कोई वजूद नहीं"By--Sagar Raj Gupta तेरे बिना मेरा दिल मेरे सीने में मौजूद नहीं, गर तू मेरे पास नहीं तो मैं भी नहीं, मेरे हर लम्हें में बस तू ही तू है बिन तेरे इश्क़ का मेरा कोई वजूद नहीं। तेरी यादों की ख्यालों में रहता हूँ दिन भर, सावन की बादल मेरी आँखों से बरसता है रात भर, पता नहीं कैसा ये मोहब्बत है मेरा तुझसे तू जहाँ है मेरा अक्स भी रहता है वही पर। तेरे जाने के बाद मैं जी पाउँगा इसका कोई सबूत नहीं.. बिन तेरे इश्क़ का मेरा कोई वजूद नहीं.... विरह की अग्नि में जलता हूँ बताऊँ कैसे, तेरी जुदाई कों मैं उम्र भर सह पाऊँ कैसे, क्यों हर मोहब्बत का अंजाम हमेशा तन्हाई होता है, अपने इस ग़म के तूफ़ान कों चेहरे पर छुपाऊं कैसे। हर दर्द कों सीने में दफन करूँ यह कोई ताबूत नहीं... बिन तेरे इश्क़ का मेरा कोई वजूद नहीं.... ©Sagar Raj Gupta #_बिन_तेरे_इश्क़_का_मेरा_कोई_वजूद_नहीं__@Sagar #_मैं_दर्द_हूँ_ #_मैं_ही_दर्द_का_सागर_हूँ_ #_सागर_का_दर्द_ #_My_Shayari_is_my_life_ #_Sagar_the_king_of_words_ #_Sagar_the_Shayar_ #Sagar_Sir_Bettiah