दिल के जज़्बात यूँ सरे आम सरे बाज़ार किया नहीं करते.! लोग ज़ख्मों पे मरहम नहीं, नमक छिड़क के मज़ा हैं लेते.!! आज ठोकर लगी है तो गिरा हूँ, गिरते गिरते कल सम्भल ही जाऊँगा! कल फ़िर से उठूँगा और दौड़ लगाऊँगा, या फिर किसी टूटते तारे जैसे टूट जाऊँगा.!! ज्ञात है मुझे! न अन्तर आएगा जीवन में किसीके! सबकी जीवन वैसे ही चलेगी, जैसे चल रही थी पहले से.!! बन आत्मा मैं परमात्मा में विलीन हो जाऊँगा.!! इस सँसार की मोह-माया, पीड़ा बेदनाओं से, मुक्त हो जाऊँगा..!! ©Ajay #Soul #दिल के #जज़्बात यूँ सरे आम सरे #बाज़ार किया नहीं करते.! लोग ज़ख्मों पे मरहम नहीं, नमक छिड़क के मज़ा हैं लेते.!! आज ठोकर लगी है तो गिरा हूँ, गिरते गिरते कल सम्भल ही जाऊँगा!