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इस मोहब्बत के भी अपने वसूल कई हैं, गुलाब को

इस  मोहब्बत  के  भी  अपने  वसूल  कई  हैं,
गुलाब को  छोड़ा  तो  पता  चला फूल कई हैं,
जरूरी नहीं जो अच्छा  दिखे वो अच्छा होगा,
लगाया पौधा आम का तो जाना बबूल कई हैं,
जब  कांटे  चुभे उंगलियों में लगा दर्द बहुत है,
जिंदगी  करीब  से देखा तो जाना शूल कई हैं,
जो लोग कान्हा तेरा हमसाया हमदर्द बनते थे,
जरूरत पड़ी  तो जाना खुद में मशगूल कई हैं,

©Kanhaiya Chaudhary ❤️❤️❤️✍️✍️इस मोहब्बत के भी अपने वसूल कई हैं

#lovetaj
इस  मोहब्बत  के  भी  अपने  वसूल  कई  हैं,
गुलाब को  छोड़ा  तो  पता  चला फूल कई हैं,
जरूरी नहीं जो अच्छा  दिखे वो अच्छा होगा,
लगाया पौधा आम का तो जाना बबूल कई हैं,
जब  कांटे  चुभे उंगलियों में लगा दर्द बहुत है,
जिंदगी  करीब  से देखा तो जाना शूल कई हैं,
जो लोग कान्हा तेरा हमसाया हमदर्द बनते थे,
जरूरत पड़ी  तो जाना खुद में मशगूल कई हैं,

©Kanhaiya Chaudhary ❤️❤️❤️✍️✍️इस मोहब्बत के भी अपने वसूल कई हैं

#lovetaj

❤️❤️❤️✍️✍️इस मोहब्बत के भी अपने वसूल कई हैं #lovetaj