किसी को दिन के उजाले रातों का चाँद बना लें माँग में सिंदूर, माथे पर बिंदी लगा सुहाग बना लें सोचा है दिल ने के किसी को सर का ताज बना लें मरूस्थल सी हो गई ज़िंदगी अब गुलिस्ताँ बना लें! हाँ मुसीबत-ए-जाँ है एक ख़ूबसूरत बला है उल्फ़त फिर भी चाहता है दिल गले यह ख़ूबसूरत बला लें! आपके आ जाने से दिल की हसरतें पूरी हो जाएँगी छोड़ेंगे ना तेरा साथ कभी चाहें तो आप आजमा लें! ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1087 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।